सामाजिक >> प्रतिज्ञा एवं मंगलसूत्र प्रतिज्ञा एवं मंगलसूत्रप्रेमचंद
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
विधवा विवाह संबंधी सामाजिक समस्या प्रधान उपन्यास है ‘प्रतिज्ञा’ जिसमें प्रेमचंद ने पूर्ण के माध्यम से एक आम विधवा के जीवन की विषमताओं को उजागर करने का प्रयास किया है।
यद्यपि उपन्यास का केंद्र बिंदु भरी जवानी में हुई विधवा पूर्णा है, किंतु उसकी फल प्राप्ति होती है अमृत राय को, जिसने यूं ही एक साधारण से जलसे में सुधारवादी भाषण सुनकर किसी विधवा से विवाह करने की प्रतिज्ञा कर ली थी और बाद में विधवाओं को संरक्षण देने के लिए एक आश्रम की स्थापना भी कर दी।
इस सुधारवादी आदर्श के चककर में अमृत राय की प्रेमिका प्रेमा का क्या हुआ ? क्या आदर्श पर प्रेम का बलिदान हो गया ?
‘प्रतिज्ञा’ के साथ प्रेमचंद का उपन्यास ‘मंगलसूत्र’ (अपूर्ण) भी संकलित है।
यद्यपि उपन्यास का केंद्र बिंदु भरी जवानी में हुई विधवा पूर्णा है, किंतु उसकी फल प्राप्ति होती है अमृत राय को, जिसने यूं ही एक साधारण से जलसे में सुधारवादी भाषण सुनकर किसी विधवा से विवाह करने की प्रतिज्ञा कर ली थी और बाद में विधवाओं को संरक्षण देने के लिए एक आश्रम की स्थापना भी कर दी।
इस सुधारवादी आदर्श के चककर में अमृत राय की प्रेमिका प्रेमा का क्या हुआ ? क्या आदर्श पर प्रेम का बलिदान हो गया ?
‘प्रतिज्ञा’ के साथ प्रेमचंद का उपन्यास ‘मंगलसूत्र’ (अपूर्ण) भी संकलित है।
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